दिल्ली नगर निगम के हज़ारों शिक्षक धरने पर बैठे

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MCD (दिल्ली नगर निगम) द्वारा तनख्वाह नहीं दिए जाने के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय के बाहर 3 हजार शिक्षक धरने पर बैठे

MCD (दिल्ली नगर निगम) द्वारा तनख्वाह नहीं दिए जाने के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय के बाहर 3 हजार शिक्षक धरने पर बैठ गए हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी को सारा पैसा दे दिया है। इसके बावजूद MCD ने अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दी है।

‘दिल्ली नगर निगम’ भ्रष्टाचार कर अध्यापकों की तनख्वाह के पैसे को खा गई है और अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दे रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 3 किस्तों में MCD को ₹2,588 करोड़ दिया है।

MCD द्वारा तनख्वाह नहीं दिए जाने के कारण MCD के 3 हजार शिक्षक धरने पर बैठ गए हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East MCD) के मुख्यालय के बाहर शिक्षक धरना दे रहे हैं। ‘दिल्ली नगर निगम’ ने अपने शिक्षकों को 4 महीने से वेतन नहीं दिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने MCD को सारा पैसा दे दिया है। इसके बावजूद अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दी गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 3 किस्तों में MCD को ₹2,588 करोड़ दिया है। इस वित्त वर्ष की चौथी व आखिरी किस्त भी जनवरी में जारी कर दी जाएगी।

केजरीवाल सरकार ने हर साल ‘दिल्ली नगर निगम’ को उसके हिस्से का पैसा देने के साथ-साथ ₹6,889 करोड़ का लोन भी दिया है, फिर भी MCD अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दे रही है। दुर्गेश पाठक ने कहा कि ‘दिल्ली नगर निगम’ ने ₹2500 करोड़ का रेंट घोटाला किया है। इसके अलावा ₹1800 करोड़ का हाउस टैक्स घोटाला किया है।

दिल्ली सरकार ‘दिल्ली नगर निगम’ को इस वित्त वर्ष 2021-22 में 3488 करोड़ रूपये देगी। दिल्ली सरकार अबतक इसकी 75 फीसदी राशि 3 किस्तों में दे चुकी है। इसके अलावा बाकी की 25 फीसदी राशि जनवरी में दी जानी है। इसके बावजूद ‘दिल्ली नगर निगम’ अध्यापकों की तनख्वाह को लेकर बहाने बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली नगर निगम’ की 13 पार्किंग प्राइवेट माफियाओं को औने-पौने दामों पर बेच चुकी है। साथ ही उनका करोड़ों का हाउस टैक्स भी माफ कर दिया है। इन सभी पार्किंग से हर साल हजारों करोड़ का राजस्व आ सकता था। लेकिन कमीशन खाने के चक्कर में पहले तो सभी पार्किंग को औने-पौने दामों में बेचा और ऊपर से उनका हाउस टैक्स भी माफ कर दिया। दूसरी तरफ अध्यापकों की तनख्वाह कई महीनों से नहीं दे रहे हैं।