भारत के प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप देश के ‘राजस्व खुफिया निदेशालय‘ (DRI) की टीम द्वारा 16 सितंबर, शुक्रवार के दिन एक ऑपरेशन के तहत 10 मीट्रिक टन से ज्यादा लाल चंदन जब्त किया गया।
जब्त किए गए लाल चन्दन को सिंगापुर भेजने की तैयारी हो रही थी जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित मूल्य 6 करोड़ रुपये के करीब बताया जा रहा है।
डीआरआई की दिल्ली रीजनल यूनिट ने खुफिया जानकारी प्राप्त की थी कि लाल चंदन की लकड़ी को देश से बाहर तस्करी के लिए “वायर हार्नेस केबल” वाले कंटेनर में छुपा कर ले जाया जा रहा है।
उपरोक्त खुफिया जानकारी के आधार पर डीआरआई के दिल्ली रीजनल यूनिट (DZU) ने पलवल में संबंधित कंटेनर को रोका, जिसे पोर्ट के कस्टम द्वारा संदिग्ध सूचित किया गया था।
बॉर्डर टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर डीआरआई अधिकारियों ने उस कंटेनर की जांच में 10.23 मीट्रिक टन लाल चन्दन (रेड सैंडर्स) के लकड़ी को जब्त किया, जिस निर्यात पर CITES (वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बना एक कन्वेंशन) द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
डीआरआई ने प्रारंभिक पूछताछ कर इसकी जानकारी दी कि उक्त निर्यात के लिए उपयोग किए जाने वाले दस्तावेज नकली हैं और इसमें हेरा-फेरी की गई है। यहां तक कि कंटेनर के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रक के पंजीकरण में भी जालसाजी की गई।
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत ट्रक के साथ लगभग ₹6 करोड़ मूल्य के 10.23 मीट्रिक टन लाल चन्दन (रेड सैंडर्स) जब्त किया गया। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा नवंबर, 2021 के बाद से अलग अलग 11 घटनाओं में कुल 110.26 मीट्रिक टन लाल चंदन की जब्ती की गई है।