जटिल सर्जरी कर बचा अल्मोड़ा के मनन और दिशा का जीवन

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मनन मिश्रा और दिशा मिश्रा
मनन मिश्रा और दिशा मिश्रा. फोटो : सर गंगा राम हॉस्पिटल

अल्मोड़ा, उत्तराखंड से आए 8 वर्षीय मनन और उनकी 15 वर्षीय बहन दिशा जोशी को दिल्ली स्थित सर गंगा राम हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा 5.5 घंटे तक चली एक बेहद दुर्लभ और जटिल सर्जरी कर नया जीवन प्रदान किया गया।

दोनों भाई-बहन, हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ मस्तिष्क में दौरे और अन्य दूसरे कठिनाइयों की शिकायत लेकर सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में इलाज के लिए पहुंचे थे।

दोनों के मूल्यांकन के बाद पता चला कि मनन जोशी को Left Adrenal Gland में 4.5 सेमी के आकार का एक बड़ा ट्यूमर है। आश्चर्यजनक रूप से उसकी बहन दिशा में भी दो ट्यूमर पाए गए, बड़ा ट्यूमर Right Adrenal Gland में 5.5 सेमी और दूसरा Left Adrenal Gland में 2.5 सेमी का पाया गया।

इन दोनों बच्चों का ऑपरेशन करने वाले यूरोलॉजिस्ट व् रोबोटिक सर्जन, डॉ.अश्विन के अनुसार:

“इस जटिल सर्जरी को करने से पहले हमारे लिए शुरुआती चुनौती भाई-बहनों के हाई ब्लड प्रेशर को स्थिर करना था। ट्यूमर का एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) में अति कठिन जगह में स्थित होने के कारण उसे ऑपरेट करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था।

ये ग्लैंड्स छोटे और त्रिकोणीय आकार के होते हैं जो दोनों किड़नी के ऊपर स्थित होते हैं। ये हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं और क्योंकि वे स्टेरॉयड (Steroids) का उत्पादन करते है और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखते हैं।

ये प्रमुख रक्त धमनियों के बहुत ही नजदीक स्थित होते है जो ऑपरेशन के दौरान ब्लड प्रेशर एवं हृदय गति में उतार-चढ़ाव होने की वजह से जीवन के लिए बहुत अधिक खतरा भी पैदा कर सकते है।

इन्ही सब चीजों को ध्यान में रखते हुए, हमने इसे ‘मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (Minimally Invasive Surgery)’ का उपयोग करके ‘की-होल सर्जरी (Key Hole Surgery)’ के द्वारा ठीक किया।”

ट्यूमर की बायोप्सी रिपोर्ट में फियोक्रोमोसाइटोमा-दुर्लभ एड्रिनल ट्यूमर (Pheochromocytoma) का पता चला। भाई-बहन के जेनेटिक अध्ययन से एक दुर्लभ पारिवारिक ट्यूमर सिंड्रोम का पता चला है जिसे ‘वी.एच.एल. सिंड्रोम (VHL Syndrome)’ कहा जाता है। यह दुर्लभ सिंड्रोम पूरे शरीर में ट्यूमर बना सकता है।

Manan and Disha Joshi-The Imprint
डॉक्टर आश्विन मल्ल्या के साथ मनन और दिशा जोशी . फोटो: फेसबुक

मनन का ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ (Laparoscopic Surgery) द्वारा और दिशा का ‘रोबोटिक तकनीक (Robotic Technology)’ से ऑपरेशन किया गया। दोनों भाई-बहन अब ठीक हो गए हैं और सर्जरी के 2 सप्ताह के अंदर स्कूली शिक्षा शुरू कर दी है।