गीतकार प्रसून जोशी बने ‘फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’

28

प्रसिद्ध गीतकार और लेखक प्रसून जोशी को ‘इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया’ (IFFI) द्वारा ‘फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

प्रसून जोशी को यह पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा सिनेमा, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्यों में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।

इस अवसर पर श्री जोशी ने कहा कि यदि सभी वर्गों के लिए अपनी कहानियों को बताने के लिए कोई मंच नहीं होगा, तो भारत की समृद्ध विविधता उनके सिनेमा में नहीं दिखाई देगी। उन्होंने इस वर्ष की ‘75 क्रिएटिव माइंड्स इनीशियेटिव’ के माध्यम से ऐसा मंच प्रदान करने के प्रयास के लिए IFFI की सराहना की।

फिल्मों में अपने शानदार गीतों,  टीवी विज्ञापनों और सामाजिक रूप से प्रासंगिक कहानियों के लिए व्यापक रूप से जाने वाले, श्री जोशी, पद्म श्री से सम्मानित किए जा चुके हैं और कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता हैं।

गीतकार ने आगे कहा कि “यंग माइंडस को भ्रम की स्थिति का जश्न मनाना शुरू कर देना चाहिए। भ्रम, विचारों की उत्पत्ति के लिए बेहतरीन अवस्था है, यह असुविधाजनक भी है, लेकिन भ्रम की इसी स्थिति में सर्वश्रेष्ठ विचारों का जन्म होता है।”

जोशी ने यह पुरस्कार अपने गृहनगर उत्तराखंड को समर्पित किया। उन्होंने कहा “मैं एक छोटे से कस्बे अल्मोड़ा का रहने वाला हूं। छोटे कस्बे से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए सिनेमा की दुनिया से रूबरू होना बहुत मुश्किल है। मैं इस पुरस्कार को उत्तराखंड के पहाड़ों को समर्पित करता हूं, जहां से मुझे प्रेरणा मिली।”

प्रसून जोशी ने 2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ के साथ एक गीतकार के रूप में भारतीय सिनेमा में प्रवेश किया, और तब से वह ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘नीरजा’, ‘मणिकर्णिका’, ‘दिल्ली 6’ और कई अन्य फिल्मों का हिस्सा रहे हैं।

जोशी इस समय दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञापन कंपनियों में से एक, मैककैन वर्ल्डग्रुप के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चेयरमैन हैं। उन्होंने कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रियेटिविटी में पुरस्कार और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के यंग ग्लोबल लीडर सहित कई प्रतिष्ठित इंटरनेशनल पुरस्कार भी जीते हैं। वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष भी हैं।