INS विक्रांत की हर खासियत को जानिए एक नज़र में

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INS Vikrant Aircraft Carrier Sailing in Indian Ocean
INS Vikrant Aircraft Carrier Sailing in Indian Ocean

INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (विमानवाहक युद्धपोत) है, जिसे 2 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया गया। INS विक्रांत 262 मीटर लम्बा और लगभग 45,000 टन विस्थापन वाला एक विमानवाहक पोत है।

INS Vikrant Aircraft Carrier
INS Vikrant Aircraft Carrier. Image taken from Twitter.

‘विक्रांत’ नाम भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस है, जिनके निर्माण में देश के प्रमुख 100 छोटे-बड़े उद्यमों का योगदान है।

संस्कृत में ‘विक्रांत’ नाम का अर्थ ‘साहसी’ होता है। INS विक्रांत का मोटो है: “जयेम सं युधिस्पृध:” जिसका अर्थ है “मैं उन लोगों को हराता हूं जो मेरे खिलाफ लड़ते हैं”। विक्रांत स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट ऑटोमैटिक फीचर्स से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।

INS Vikrant Aircraft Carrier
INS Vikrant Aircraft Carrier

INS विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है तथा इसका निर्माण ‘मिनिस्ट्री ऑफ़ पोर्ट शिपिंग एंड वाटरवेज’ मंत्रालय के अधीन पब्लिक सेक्टर शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है।

विक्रांत के पास करीब 30 विमान हैं। यह ‘मिग-29K’ लड़ाकू विमान का इस्तेमाल एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक के लिए कर सकता है। यह कामोव-31, जो एक ‘Early Air Warning’ हेलीकॉप्टर है, इसके साथ ही एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर MH-60R तथा स्वदेशी ALH (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) ध्रुव को भी संचालित करने में सक्षम होगा।

INS Vikrant Aircraft Carrier
INS Vikrant Aircraft Carrier

यह अधिकतम 26 ‘मिग-29K’ लड़ाकू विमान, 4 ‘कमोव-31’ हेलीकॉप्टर, 2 HAL ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और 4 ‘MH-60R’ एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर को एक साथ लेकर समुद्री ऑपरेशन कर सकने में सक्षम है।

यह पोत एयरक्राफ्ट ऑपरेशन के लिए जाने जाने वाला STOBAR (Short Take-Off But Arrested Landing) सिस्टम से लैस है। अपने ऊपर से एयरक्राफ्ट को लांच करने के लिए ‘स्की-जम्प’ तथा लैंड कराने के लिए अरेस्टर वायर से युक्त है।

INS Vikrant Aircraft Carrier
INS Vikrant Aircraft Carrier

विक्रांत में 2,300 कम्पार्टमेन्ट के साथ 14 डेक हैं जो लगभग 1,500 नेवी के जवानों की व्यवस्था और जरूरतों को पूरा कर सकता है। INS विक्रांत कुल 88 मेगावाट बिजली उत्पादित करने वाले चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है और इसकी अधिकतम गति 28 Knots (52 Km/hr.) है।

इसके पास दो फ़ुटबॉल मैदान के आकार का फ़्लाइट डेक, 8 किलोमीटर का गलियारा, और 8 जनरेटर है जो 20 लाख लोगों के शहर को रोशन करने में सक्षम हैं।

INS विक्रांत को बनाने में कुल ₹20,000 करोड़ की लागत आई है। इसे बनाने में कुल 76% स्वदेशी सामानों का उपयोग हुआ है। इसे फिक्स्ड-विंग और रोटरी दोनों तरह के विमानों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

INS विक्रांत की विशालता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक तैरते हुए शहर की तरह है। यह इतनी बिजली पैदा करता है जो 5000 घरों के लिये पर्याप्त होगी और इसमें जितने तार का इस्तेमाल हुआ है, उसे फैलाया जाये, तो वह कोच्चि से काशी पहुंच जायेगा।

इसके एयरबेस में जो इस्पात लगा है, वह इस्पात भी स्वदेशी है, जिसे DRDO के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है तथा भारतीय कंपनियों ने निर्मित किया है। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जायेंगे, जिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा।

विक्रांत कार्यक्रम के दौरान ही औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का अनावरण किया।