आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मुहिम में भागीदारी की नई मिशाल पेश करते हुए, SAIL कंपनी ने 30000 टन डीएमआर स्पेशल ग्रेड स्टील प्लेट्स की आपूर्ति की।
देश के पहले स्वदेशी निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर (विमानवाहक युद्धपोत) INS विक्रांत के लिए भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न स्टील कंपनी SAIL (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है।
कंपनी ने इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के साथ “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की दिशा में भागीदारी निभाते हुए, भारतीय नौसेना के इस पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत के निर्माण के लिए करीब 30000 टन डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है।
यह स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत “INS विक्रांत” कोचीन शिपयार्ड से 02 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना में शामिल होगा। इस स्वदेशी परियोजना के लिए SAIL द्वारा आपूर्ति किए गए स्टील में विशेष डीएमआर ग्रेड प्लेट्स शामिल हैं। इन डीएमआर ग्रेड प्लेट्स को सेल ने भारतीय नौसेना और DMRL के सहयोग से विकसित किया है।
The pride of ‘Made In India’#INSVikrant, You Beauty! pic.twitter.com/xalwZyt2en
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 2, 2022
इस युद्धपोत के पतवार और पोत के अंदरूनी हिस्सों के लिए ग्रेड 249-A और उड़ान डेक के लिए ग्रेड 249-B की डीएमआर प्लेटों का उपयोग किया गया। इस युद्धपोत के लिए बल्ब बार को छोड़कर, स्पेशियलिटी स्टील की पूरी आपूर्ति कंपनी के भिलाई, बोकारो और राउरकेला यूनिट द्वारा की गई है।
Glimpses of the enthralling Flying Past Ceremony witnessed by Prime Minister @narendramodi at Cochin Shipyard Limited in Kochi, Kerala
— PIB India (@PIB_India) September 2, 2022
#INSVikrant@indiannavy pic.twitter.com/JGNWicGllb
INS विक्रांत के निर्माण में उपयोग किया गया यह विशेष ग्रेड स्टील – डीएमआर प्लेट आयात में कमी लाने में मददगार है। भारत की आजादी के 75 साल के अमृतकाल के दौरान देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह देश के आत्मविश्वास और कौशल का प्रतीक भी है।
A Historic day for India’s efforts to become #AatmaNirbharBharat in the defence sector. The first indigenously designed and built aircraft carrier #INSVikrant will be commissioned. It will also be unveiled by Hon’ble PM @narendramodi ji. My SandArt at Puri beach in Odisha. pic.twitter.com/bLB6GZRZ2T
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) September 1, 2022
यह स्वदेशी विमानवाहक पोत देश के तकनीकी कौशल एवं इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है। विमानवाहक युद्धपोत बनाने में भारत की आत्मनिर्भरता और सक्षमता का प्रदर्शन, देश के रक्षा स्वदेशीकरण और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
INS विक्रांत के शुरू होने के साथ, हमारा प्यारा भारत दुनिया के उन गिने-चुने विशिष्ट देशों के ग्रुप में प्रवेश कर गया है जो खुद अपने लिए विमान वाहक युद्धपोत बनाने में सक्षम हैं।
Shaping a Dream Building a Nation
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 2, 2022
Designed by #IndianNavy constructed by @cslcochin, a shining beacon of #AatmaNirbharBharat, #IACVikrant is all set to be commissioned into the #IndianNavy.#INSVikrant#LegendisBack@PMOIndia @DefenceMinIndia @shipmin_india @SpokespersonMoD pic.twitter.com/RVweCActMW