शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के ‘ग्रुप ऑफ 8’ विश्वविद्यालयों के साथ वार्ता में हिस्सा लिया और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया-भारत अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच कामयाब अनुसंधान सहयोग निर्मित करने को लेकर आज ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष ‘ग्रुप ऑफ 8’ विश्वविद्यालयों के अकादमिक नेतृत्व के साथ चर्चा की।
🇮🇳 & 🇦🇺 have a promising research partnership. I welcomed the #Go8 universities for further intensifying our research collaborations as well as embracing new opportunities for fulfilling mutual and national priorities and for providing scalable solutions to global challenges. pic.twitter.com/7DUpMPuTq9
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 24, 2022
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘जय अनुसंधान’ के मंत्र को दोहराया, जिसे उन्होंने अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ के नारे में जोड़ा था।
Together with academic leaders of the top #Go8 Australian universities had meaningful discussions on building successful Australia-India research collaborations for opening new possibilities of progress and prosperity in our respective countries as well as for global welfare. pic.twitter.com/rwFwgRmH9W
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 24, 2022
उन्होंने कहा कि ये बेहद महत्वपूर्ण होगा और आने वाले दशक में व उसके बाद भी भारत के आर्थिक विकास का आधार बनेगा।
शिक्षामंत्री प्रधान ने इस दशक को भारत का ‘टेकेड’ यानी टेक दशक बनाने के लिए और आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने हर संसाधन को जुटाने के दृढ़ निश्चय को साझा किया।
In Melbourne today morning, had a lively interaction with Indian students studying in Australia.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 24, 2022
It was wonderful to learn about their academic experiences. Enriched by their ideas on establishing India as a knowledge superpower. My best wishes to them for a bright future. pic.twitter.com/ymGMQDkN0h
उन्होंने कहा कि भारत के साथ अनुसंधान सहयोग को मजबूत करना दरअसल सभी के लिए फायदे का सौदा है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खासी संभावना भरी अनुसंधान साझेदारी है।
उन्होंने हमारे अनुसंधान सहयोग को और मजबूत करने के लिए ‘ग्रुप ऑफ 8’ विश्वविद्यालयों का स्वागत किया, और साथ-साथ पारस्परिक व राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करने और वैश्विक चुनौतियों को लेकर कारगर समाधान प्रदान करने हेतु नए अवसरों को अपनाने के लिए भी उनका स्वागत किया।
शिक्षामंत्री ने ‘शिक्षा, अनुसंधान और कौशल क्षेत्रों में सहयोग के उभरते अवसर’ विषय पर बातचीत में मोनाश विश्वविद्यालय के ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शिक्षाविदों और ऑस्ट्रेलिया इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के साथ भी बातचीत की।
शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साक्ष्य-आधारित शोध पर जोर दिया है और उन्होंने मानव जाति की प्रगति, कल्याण और भलाई सुनिश्चित करने के लिए ‘लैब-टू-लैंड’ और ‘लैंड-टू-लैब’ का मंत्र दिया है।
PM @narendramodi has stressed on evidence-based research and has given the mantra of ‘Lab-to-Land’ and ‘Land-to-Lab’ for ensuring progress, welfare and well-being of mankind.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 24, 2022
India is vigorously making efforts to inculcate curiosity-driven research and innovation at all levels. pic.twitter.com/OCLFlOs8mz
उन्होंने आगे कहा कि भारत सभी स्तरों पर जिज्ञासा से प्रेरित अनुसंधान और नवाचार को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
प्रधान ने मेलबर्न में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के साथ भी बातचीत की। उन्हें उनके अकादमिक अनुभवों के बारे में जानकर खुशी हुई और उन्होंने कहा कि वे भारत को एक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने को लेकर उन छात्रों के विचारों से समृद्ध हुए हैं।